जब जब जीवन लगे पहेली
सुलझाने की कोशिश कर
कही ना कही हर सवाल का
होगा उत्तर यकीन कर
राते लंबी कितनी भी हो
देख ख्वाब, ना आहे भर
सुबह खडी उस पार रातके
सूरज पे तू यकीन कर
कडी धूपके बाद हमेशा
सावन का इंतजार कर
काले बादल घिर
आये तो
होगी बारिश यकीन कर
कठिन घडी आयी है लेकिन
दौर चलेगा ये पलभर
समय ठहरता नही कभी भी
चलने पर तू यकीन कर
हार कभी तो, कभी जीत है
खुद के दम पे कोशिश कर
मुमकिन है जीतना हारके
इतना खुद पे यकीन कर
जयश्री अंबासकर
ये कविता आप नीचे दी गयी लिंक पर सुन सकते है
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