Friday, June 25, 2021

यकीन कर

जब जब जीवन लगे पहेली
सुलझाने की कोशिश कर
कही ना कही हर सवाल का
होगा उत्तर यकीन कर

राते लंबी कितनी भी हो
देख ख्वाब, ना आहे भर
सुबह खडी उस पार रातके
सूरज पे तू यकीन कर

कडी धूपके बाद हमेशा
सावन का इंतजार कर
काले बादल घिर आये तो
होगी बारिश यकीन कर

कठिन घडी आयी है लेकिन
दौर चलेगा ये पलभर
समय ठहरता नही कभी भी
चलने पर तू यकीन कर

हार कभी तो, कभी जीत है
खुद के दम पे कोशिश कर
मुमकिन है जीतना हारके
इतना खुद पे यकीन कर

जयश्री अंबासकर

ये कविता आप नीचे दी गयी लिंक पर सुन सकते है



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