Wednesday, April 30, 2008

आई

माझ्या मुलाला शाळेत आईवर कविता लिहून आणायला सांगितली होती पण हिंदीतून.... नेटवर शोधली खूप पण मिळाली नाही.... मग काय अस्मादिकांनीच थोडा प्रयत्न केला आणि ही कविता जन्माला आली.

मेरी माँ.... तुझे सलाम !!

प्रेममयी तुम न्यारी सी तुम
सुखद क्षणों की एक फ़ुहार तुम

ठंड लगे तब गरम धूप तुम
तपती आग में नरम छाव तुम

डर लागे तब आश्वासक तुम
जब हूँ अकेला मित्र खास तुम

हरेक जीत में उत्सव हो तुम
हर पीडा में सांत्वन हो तुम

मेरे तन में, मेरे मन में
सदा बसी तुम, सदा साथ तुम

यदी तुम्हे देखना है भगवन्‌
आ जाओ मेरे घर में तुम

मेरी माँ है मेरा भगवन्‌
मेरी माँ है मेरा जीवन

तुझको पाकर धन्य हो गया
माँ हैं तुझको शत शत वंदन

जयश्री