तुम अगर यूं साथ हो तो जिंदगी आबाद है
बिन तुम्हारे सच कहूं तो जिंदगी बरबाद है
आसमां के चांद तू, खुद पे ना अब गुमान कर
इस जमीं पर तुझसे बेहतर देख मेरा चांद है
क्यूं हकीकत और ख्वाबों में खडी दीवार है
जिंदगी से बस हमारी इतनी सी फ़रियाद है
आशिकी में होश खो के जिंदगी मदहोश है
अब जहन में सिर्फ़ तुम हो और तुम्हारी याद है
जिंदगी है बेरहम और कायदे भी सख्त है
खुश हूं मै की अब भी मेरे ख्वाब तो आजाद है
इश्क ही अब जिंदगी और
आशिकी हर सांस है
अब खुदाई और खुदा भी सब तुम्हारे बाद है
जयश्री अंबासकर
ये गझल मेरी आवाज में नीचे दी गयी लिंक पर सुन सकते है