खुशियों के रस्ते तुम्हारे शहर में
मौसम है हसते तुम्हारे शहर में
तनहाइयों को नही है ठिकाना
पल है मचलते तुम्हारे शहर में
मोहब्बत तो होगी हमे भी यकीनन
दिल के फरिश्ते तुम्हारे शहर में
खुशबू तुम्हारी हर इक गली में
महकते है रस्ते तुम्हारे शहर में
हमारा शहर भी, शहर तो है लेकिन
किस्से है बनते तुम्हारे शहर में
चाहे किधर भी रुख हो हमारा
कदम फिर भी मुडते तुम्हारे शहर में
शादी भले हो हमारे शहर में
रस्मोंकी किश्ते तुम्हारे शहर में
रफ्तार पकडे दुनिया के रस्ते
खुशी से टहलते तुम्हारे शहर में
जयश्री अंबासकर
2 comments:
Really impressive writing mam, mam you are blogging since 2006, still, there are no AdSense ads.
you should monetize your blog.
regards
maitreyamol
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