Sunday, February 25, 2024

कुर्बान हम पे कुदरत हुई है

हमको किसीसे उल्फत हुई है
धरती बदलके जन्नत हुई है

उनकी जरासी बस हां हुई है
देखो दिवानी हालत हुई है 

दिल में खुशी की दस्तक हुई है
कुर्बान हम पे कुदरत हुई है

गुस्ताख आंखे कुछ कह गयी है
पहली दफा ये जुर्रत हुई है

थोडी शराफत, थोडी शरारत
ऐसी हमारी नीयत हुई है

मांगे खुदासे अब और क्या हम
पूरी हमारी हसरत हुई है

जयश्री अंबासकर