हमको किसीसे उल्फत हुई है
धरती बदलके जन्नत हुई है
उनकी जरासी बस हां हुई है
देखो दिवानी हालत हुई है
दिल में खुशी की दस्तक हुई है
कुर्बान हम पे कुदरत हुई है
गुस्ताख आंखे कुछ कह गयी है
पहली दफा ये जुर्रत हुई है
थोडी शराफत, थोडी शरारत
ऐसी हमारी नीयत हुई है
मांगे खुदासे अब और क्या हम
पूरी हमारी हसरत हुई है
जयश्री अंबासकर