Tuesday, June 29, 2021

ख्वाब तो आजाद है

तुम अगर यूं साथ हो तो जिंदगी आबाद है
बिन तुम्हारे सच कहूं तो जिंदगी बरबाद है

आसमां के चांद तू, खुद पे ना अब गुमान कर
इस जमीं पर तुझसे बेहतर देख मेरा चांद है

क्यूं हकीकत और ख्वाबों में खडी दीवार है
जिंदगी से बस हमारी इतनी सी फ़रियाद है

आशिकी में होश खो के जिंदगी मदहोश है
अब जहन में सिर्फ़ तुम हो और तुम्हारी याद है

जिंदगी है बेरहम और कायदे भी सख्त है  
खुश हूं मै की अब भी मेरे ख्वाब तो आजाद है

इश्क ही अब जिंदगी और  आशिकी हर सांस है
अब खुदाई और खुदा भी सब तुम्हारे बाद है   

जयश्री अंबासकर

ये गझल मेरी आवाज में नीचे दी गयी लिंक पर सुन सकते है



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