Thursday, May 23, 2024

गुनाह कर लो

मुहब्बत में आज फिर से हमें तबाह कर लो
इजाजत है आज फिर से वही गुनाह कर लो

निभायेंगे साथ आपका, हमसफर कर लो 
चाहे अपनी मंजिल से हमें गुमराह कर लो

शिद्दत से मिली है मुहब्बत, यकी कर लो
अब तो कमबख्त दिल का इस्लाह कर लो

आशकी के इम्तिहान चाहे बेइंतहा कर लो
वजूद की हमारे थोडी तो परवाह कर लो

फासले कम हो जाए ऐसा इंतजाम कर लो
मंजूर है सौदा हमें जनाब, हां निकाह कर लो

जयश्री अंबासकर 
२३ मे २०२४